नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल तिलहन योजना’ के तहत जिले में तेल उत्पादन को दिया जाएगा बढावा

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कृषि विभाग द्वारा केंद्र सरकार की योजना ‘नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल तिलहन योजना’ के तहत तेल उत्पादन को बढावा देने के लिए देशभर के 347 विशिष्ट जिलों में बीकानेर को भी शामिल किया गया है।

संयुक्त निदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी ने बताया कि मिशन का उद्देश्य तिलहन की खेती के रकबे में अतिरिक्त हैक्टेयर की वृद्धि व उत्पादन को बढ़ना है। इसके लिए 347 विशिष्ट जिलों में 600 से अधिक मूल्य श्रृंखला क्लस्टर विकसित किए जाएंगे, जो सलाना 10 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र को कवर करेंगे। इसमें बीकानेर जिला भी शामिल है। जिले में सरसों व मूंगफली का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिए जाएंगे तथा तेल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इससे सरसों व मूंगफली के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इस संबंध में कृषि आयुक्तालय द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है। उन्होंने बताया कि इन क्लस्टरों का प्रबंधन एफपीओ, सहकारी समितियों और सार्वजनिक या निजी संस्थाओं जैसे मूल्य श्रृंखला भागीदारों द्वारा किया जाएगा। इन क्लस्टरों में किसानों को उच्च गुणवता वाले बीज, अच्छी कृषि पद्धतियों का प्रशिक्षण तथा मौसम और कीट प्रबंधन पर सलाहकार सेवा प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा मिशन सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान के जरिए खाद्य तेलों के लिए अनुशंसित आहार संबंधी दिशा-निर्देशों के बारे में जागरूकता को बढावा दिया जाएगा।

*मिट्टी की जांच कराने के बाद वैज्ञानिक देंगे सलाह*

कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने बताया कि योजना के तहत सबसे पहले उत्पादन की क्षमता के बाद भी उतना उत्पादन नही होने वाले क्षेत्रों का चयन कर उत्पादन के गेप को कम किया जाएगा। इसके लिए किसानों का चयन कर उनको पांच साल में नई वैरायटी के आए बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे।

*मिशन का उद्देश्य खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाना*

मिशन का उद्देश्य घरेलू तिलहन उत्पादन को बढाना तथा खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करना है। इस मिशन के जरिए कम पानी के उपयोग, मिट्टी के बेहतर स्वास्थ्य और फसल के परती क्षेत्रों के उत्पादक उपयोग के रूप में महत्वपूर्ण पर्यावरणीय लाभ भी मिलेगा। योजना के सफल क्रियान्वयन व समय पर पूर्ण करने के लिए टाइम लाइन भी तय की गई है। योजना के तहत 15 जनवरी तक वेल्यू चैन पार्टनर्स का चिन्हीकरण किया जाएगा तथा 15 फरवरी तक किसानों का प्रथम चरण का प्रशिक्षण एवं मृदा परीक्षण किया जाएगा।

*10 टन तेल निकालने की इकाई लगाने पर मिलेगा 9.90 लाख का अनुदान*

सहायक निदेशक भैराराम गोदारा ने बताया कि योजना के तहत जिले में 10 टन तेल निकालने की इकाई लगाने पर 9.90 लाख रुपए का अनुदान भी मिलेगा। इस तरह की इकाई विकसित होने से जिले के लोगों को शुद्ध और वाजिब दर पर तेल उपलब्ध होगा। वहीं इकाई लगाने वाले को जिले के अलावा बाहर सप्लाई कर व्यवसाय बढ़ाने का अवसर भी मिलेगा। केंद्र सरकार की योजना के तहत भूमि और भवन के लिए सहायता नहीं दी जाएगी। परियोजना की लागत की गणना के समय भूमि और भवन की लागत पर विचार नहीं किया जाएगा।

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