बीकानेर के नापासर में गौ अभयारण्य को लेकर पूर्व में हुए एमओयू की भी दी जानकारी

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जयपुर/ बीकानेर। गोपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि मध्य-प्रदेश व उड़ीसा की तर्ज पर प्रदेश में गौ अभ्यारण्य स्थापित करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा इन राज्यों से आवश्यक जानकारी एकत्र की जा रही है। परीक्षण के पश्चात् प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

गोपालन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा बीकानेर जिले के नापासर ग्राम में 5 करोड़ रुपये की लागत से गौ अभ्यारण्य स्थापित करने की घोषणा की गई थी। इस गौ अभ्यारण्य की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा 5 करोड़ रुपये एवं एमओयू की सहभागी संस्था द्वारा भी 5 करोड़ रुपये की राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया था।

उन्होंने बताया कि निदेशालय गोपालन द्वारा इस सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी कर जिला कलेक्टर बीकानेर की अध्यक्षता में जिला गोपालन समिति द्वारा गौ अभ्यारण्य के प्रबंधन हेतु श्री सोहनलाल जी बुला देवी ओझा गौशाला समिति नापासर, बीकानेर का चयन किया गया था। तत्पश्चात् जिला कलेक्टर, बीकानेर एवं इस समिति के मध्य एमओयू किया गया। राजस्व ग्रुप 3 द्वारा गौ अभ्यारण्य के लिए 221.31 हेक्टेयर चरागाह भूमि भई प्रदान की गई। लेकिन संस्था द्वारा अनुबंध की शर्तों की पालना नहीं किये जाने के कारण वर्ष 2020 में तत्कालीन सरकार द्वारा एमओयू निरस्त करने के निर्देश दिए गए।

श्री कुमावत ने बताया कि प्रदेश में कुल 1 करोड़ 39 लाख गौवंश हैं। निराश्रित गौवंश के संरक्षण एवं संधारण के लिए प्रदेश में 4 हजार 140 पंजीकृत गौशालाएं हैं। राज्य सरकार द्वारा इन पात्र गौशालाओं को गौवंश के भरण-पोषण के लिए बड़े गौवंश को 44 रुपये एवं छोटे गौवंश को 22 रुपये का अनुदान दिया जाता है। इस वर्ष के बजट में यह अनुदान 15 प्रतिशत बढाकर बड़े गौवंश को 50 रूपये एवं छोटे गौवंश को 25 रूपये करने की घोषणा की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में 21 फरवरी, 2025 तक 1147 करोड़ रूपये का अनुदान जारी कर दिया गया है।

गोपालन मंत्री ने जानकारी दी कि गौवंश के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में अनेकों गौशालाएं भी संचालित की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा जिला स्तरीय 15 गौशालाओं में 6 करोड़ 75 लाख के कार्य, पंचायत समिति स्तर की 95 गौशालाओं में 49.47 करोड़ के कार्य करवाए गए हैं। इसी प्रकार ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित पशु आश्रय स्थल योजना के तहत 10 गौशालाओं में 4 करोड़ के कार्य करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि गौशाला विकास योजना के तहत भी 455 गौशालाओं में 26.16 करोड़ के कार्य करवाए गए हैं। इसके साथ ही गौ-काष्ठ मशीन योजनान्तर्गत प्रदेश की 100 गौशालाओं को रियायती दरों पर गौ-काष्ठ मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

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